Republic Day Poems : आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। यहाँ हम रिपब्लिक डे पर कई सारी बढ़िया- बढ़िया कविता लेकर आए हैं। आज का दिन सबसे बेहतर दिन है, जब हमें अपने देश के वास्तविक अर्थ, स्थिति, प्रतिष्ठा और सबसे जरुरी मानवता की संस्कृति को संरक्षित करने के लिये प्रतिज्ञा करनी चाहिए। आप सभी को मेरी तरफ से इस गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।
Republic Day Poem in Hindi
गणतंत्र दिवस कविता
आज तिरंगा फहराते है, अपनी पूरी शान से
हमें मिली आजादी, वीर शहीदों के बलिदान से!!
आजादी के लिए हमारी, लंबी चली लड़ाई थी
लाखों लोगों ने प्राणों से, कीमत बड़ी चुकाई थी!!
व्यापारी बनकर आए और छल से हम पर राज किया
हमको आपस में लड़वाने की, नीति पर उन्होंने काम किया!!
हमने अपना गौरव पाया, अपने स्वाभिमान से
हमें मिली आज़ादी, वीर शहीदों के बलिदान से!!
गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है
जियो और जीने दो का सबको देता संदेश है!!
लगी गूंजने दसों दिशाएं वीरों के यशगान से
हमें मिली आजादी वीर शहीदों के बलिदान से!!
हमें हमारी मातृभूमि से इतना मिला दुलार है
उसके आंचल की छाया से छोटा यह संसार है!!
विश्व शांति की चली हवाएं अपने हिंदुस्तान से
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से!!
गणतंत्र दिवस कविता
हास्य की भाषा नहीं लिखी है, ना ही गजल सुनाता हूं
कविता लिखनी नहीं आती बस चीखें लिखता जाता हूं!!
देश मेरा जल रहा है, आग लगी है सीने में
हुकुम वाले सभी व्यस्त है, खून गरीब का पीने में!!
तो राम मंदिर बाबरी का, पक्ष नहीं मैं लाया हूं
घायल भारत चीख रहा है, चीख सुनाने आया हूं!!
गणतंत्र दिवस कविता
यह मेरा आजाद तिरंगा लहर लहर लहराए रे
भारत माँ मुस्काए तिरंगा लहर लहर लहराए रे!!
इस झंडे का बापू जी ने कैसा मान बढ़ाया है
लाल किले पर नेहरू जी ने यह झंडा फहराया!!
माह जनवरी छब्बीस को हम सब गणतंत्र मनाते
और तिरंगे को फहरा कर, गीत ख़ुशी के गाते!!
गणतंत्र दिवस कविता
बंद करो ये तुम आपस में खेलना अब खून की होली
उस माँ को याद करो जिसने खून से चुन्नर भिगोली!!
कुछ कर गुजरने की अगर तमन्ना उठती हो दिल में
भारत माँ का नाम सजाओ दुनिया की महफिल में!!
किसकी राह देख रहा तुम खुद सिपाही बन जाना
सरहद पर ना सही सीखो अँधियारों से लड़ पाना!!
गणतंत्र दिवस कविता
संविधान आजादी वाला, बच्चो ! इस दिन आया
इसने दुनिया में भारत को, नव गणतंत्र बनाया!
क्या करना है और नही क्या ? संविधान बतलाता
भारत में रहने वालों का, इससे गहरा नाता!!
यह अधिकार हमें देता है, उन्नति करने वाला
ऊँच-नीच का भेद न करता, पण्डित हो या लाला!!
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सब हैं भाई-भाई
सबसे पहले संविधान ने, बात यही बतलाई!!
इसके बाद बतायी बातें, जन-जन के हित वाली
पढ़ने में ये सब लगती हैं, बातें बड़ी निराली!!
लेकर शिक्षा कहीं, कभी भी, ऊँचे पद पा सकते
और बढ़ा व्यापार नियम से, दुनिया में छा सकते!!
देश हमारा, रहें कहीं हम, काम सभी कर सकते
पंचायत से एम.पी. तक का, हम चुनाव लड़ सकते!!
लेकर सत्ता संविधान से, शक्तिमान हो सकते
और देश की इस धरती पर, जो चाहे कर सकते!!
लेकिन संविधान को पढ़कर, मानवता को जाने
अधिकारों के साथ जुड़ें, कर्तव्यों को पहचानो!!
गणतंत्र दिवस कविता
अमर वो उनकी बलिदानी याद रहे,
सालो से सालो तक न हो बात पुरानी,
आजाद हिन्द का तिरंगा रहे हमेशा ऊंचा।
खुशनसीब है हम जो यहाँ जन्म हम लीये,
यहाँ की मीट्टी की खुशबु,
यहाँ की हवायों का अपनापन,
हर दिल में राष्टगान का सम्मान रहे।
अगर झुकने लगे जो तिरंगा,
तो हम बलिदान कर दे खुद को,
सर कटा दे पर सर झुका सकते नही।
हिन्दुस्तान है सोने की चिड़ियाँ,
ईसाई ,सिख, हिन्दु हो या मुस्लीम हम जो भी हो,
हम जहां भी रहे, सिर्फ हिन्दुस्तानी रहे,
अमर वो उनकी बलिदानी याद रहे।
गणतंत्र दिवस कविता
हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है,
आके मकतल में यह कातिल कह रहा है बार बार,
क्या तमनाये शहादत भी किसी के दिल में है,
एक से करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल में है,
एक शहीदे मुल्क मिल्लत तेरे कदमों पर निसारा,
तेरी कुर्बानी का चर्चा गैर की महफिल में है,
अब न अगले वल्वले हैं और अरमानों की भीड़
एक मिट जाने की हसरत अब दिले ‘बिलस्मिल’ में है।
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Patriotic Poems On Republic Day in English
Republic Day Poem
We Indians are very proud to celebrate Republic day
Protected by soldiers in the border who never sway
Hear me, I just have few things to say
Reading this you may decide your own way
Over the years that has past
'26th Jan is just another holiday', I thought
With the very recent wisdom I have got
I salute the leaders who had fought
I hear the media 'flash news' and end up in tear
'Will there be more news on bomb blasts?', I fear
Horrible living in the midst of terrorism and war
Is this what the great Mahatma dreamt for?
Why blame the Politicians and Government who don't repent
Hey! As an individual I wont relent
For the election freebies and compliments they recommend
I shall say 'NO' and will not bend
Let's not watch the cricketer's zeroes
And stay away from the Corruption bureaus
Our great Jawans have nothing but only sorrows
Let us bow our heads for those real life heroes
Pay your tax, be very brave, take the wise decision today
Don't you wish your grand children to happily play?
We Indians are very proud to celebrate Republic day
Protected by soldiers in the border who never sway
We the youth, let's speak the truth
Sathya Meva Jayathe!
Republic Day Poem - Khanjar
Kehte hain alvida hum ab is jahaan ko,
Jaakr Khuda ke ghar se phir aaya na jaayega.
Ahle-e-vatan agarche humein bhool jaayenge,
Ahal-e-vatan ko humse bhulaya na jaayega.
Zulmo-sitam se tang naa aayenge hum kabhi,
Humse sare-niyaaz jhukaya na jaayega.
Isse ziyada aur sitam kya karenge vo,
Isse ziyada unse sataya na jaayega.
Yeh sach hai, maut humko mita degi dahar se,
Lekin hamara naam mitaya na jaayega.
Hum zindagi se rooth ke baithe hain jail mein,
Ab zindagi se humko manaya na jayega.
Humne lagayi aag hai jo inqalaab ki,
Is aag ko kisi se bujhaya na jaayega.
Yaron! Hai ab bhi waqt humein dekh-bhaal lo,
Phir kuch pata hamara lagaya na jaayega.
Ai maut! Jald aa ki tera intezaar hai,
Ab humse baare-jeest uthaya na jaayega.
Aazaad hum kara na sake apne mulq ko,
'Khanjar' yeh muh Khuda ko dikhaya na jaayega.